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Vrindavan |
आप पूरे 1 दिन में घूम सकते हैं वृंदावन
दर्शन का सही तरीका यह है कि आप सुबह और शाम ही यहां घूम सकते हैं दोपहर को सभी मंदिर लगभग बंद रहते हैं दोपहर में आप आराम कर सकते हैं और गर्मि
वृन्दावन भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं से जुडा हुआ है। यह स्थान श्री कृष्ण भगवान के बाल लीलाओं का स्थान है।
गर्मियों में तो दोपहर में वैसे भी नहीं घूमा जा सकता है। सर्दियों का मौसम तो यहां बहुत ही बढ़िया तरह से घूमने के लायक है। लेकिन घूमते समय बंदरों से सावधान रहें। यदि आप चश्मा पहने तो विशेष सावधान रहें। वृंदावन एक तरफ यमुना एक्सप्रेसवे से से जुड़ा हुआ है दूसरी तरफ राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या दो से जुड़ा है।
वृंदावन मथुरा से 12 किलोमीटर दूर है। मथुरा जंक्शन रेलवे के लिए उत्तम है। वृंदावन में सबसे प्रमुख मंदिर श्री बांके बिहारी जी का मंदिर है। जो सुबह और शाम को ही खुलता है। यहां पर अनेक श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं। इस मंदिर की मथुरा वृंदावन में सबसे अधिक मान्यता है। सुबह बिहारी जी के दर्शन करने के बाद निधिवन, रंग जी मंदिर आदि के दर्शन कर सकते हैं।
बिहारी जी के दर्शन करने के बाद आप शाम को छटीकरा से वृंदावन के बीच में पड़ने वाले मंदिर जिनमें प्रमुख हैं। प्रेम मन्दिर, प्रियाकांत जू मंदिर, इस्कॉन टेंपल, अक्षय पात्र आदि के दर्शन कर सकते हैं। वृंदावन का स्वरूप पहले जैसा नहीं रहा है। वृंदावन बहुत ही हाईटेक हो गया है।
वृंदावन अपने आप में एक निराला स्वरूप लिए हुए हैं। यहां हर गली गली राधे-राधे होती है लोग आते हैं जाते हैं तो एक दूसरे से राधे-राधे करते हैं। रिक्शावाला भी किसी को हटने के लिए राधे राधे बोलेगा।
वृंदावन में विदेशी भक्त जनों की संख्या भी काफी मात्रा में रहती है। यदि आप वृंदावन आ रहे हैं तो सबसे पहले बिहारी जी के सुबह-सुबह दर्शन करें। शाम को अन्य मंदिरों के दर्शन करें। वृंदावन को दर्शन करने के लिए और देखने के लिए 1 दिन का समय पर्याप्त है।
यदि आपकी श्रद्धा है तो आप यहां पर जितने भी दिन व्यतीत कर सकते हैं। वृंदावन में आज हजारों की संख्या में ऐसे व्यक्ति हैं जो वृंदावन के नहीं है और बाहर से आकर श्री कृष्ण की नगरी में वास कर रहे हैं और प्रतिदिन श्री बांके बिहारी जी के दर्शन करते हैं और ब्रज भूमि को प्रणाम करते हैं।
उनके बच्चे देश विदेश में नौकरी करते हैं या कोई व्यवसाय करते हैं और वह यहां पर प्रभु दर्शन में अपना जीवन व्यतीत करते हैं।
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Shri bankey Bihari Temple |
बिहारी जी के दर्शन एवं आरती की समय सारणी
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Darshan Samay |
बिहारी जी के दर्शन करने के बाद आप शाम को छटीकरा से वृंदावन के बीच में पड़ने वाले मंदिर जिनमें प्रमुख हैं। प्रेम मन्दिर, प्रियाकांत जू मंदिर, इस्कॉन टेंपल, अक्षय पात्र आदि के दर्शन कर सकते हैं। वृंदावन का स्वरूप पहले जैसा नहीं रहा है। वृंदावन बहुत ही हाईटेक हो गया है।

Prem Mandir, vrindavan
यहां पर ठहरने के लिए अनेक अच्छे से अच्छे होटल भी हैं और सस्ते सामान्य होटल भी हैं, इसके साथ धर्मशालाएं भी बहुत हैं। इसलिए यहां पर रहने सहने के लिए कोई किसी प्रकार की समस्या नहीं है।वृंदावन अपने आप में एक निराला स्वरूप लिए हुए हैं। यहां हर गली गली राधे-राधे होती है लोग आते हैं जाते हैं तो एक दूसरे से राधे-राधे करते हैं। रिक्शावाला भी किसी को हटने के लिए राधे राधे बोलेगा।
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Vrandavan |
Vrandavan वृन्दावन
वृंदावन में विदेशी भक्त जनों की संख्या भी काफी मात्रा में रहती है। यदि आप वृंदावन आ रहे हैं तो सबसे पहले बिहारी जी के सुबह-सुबह दर्शन करें। शाम को अन्य मंदिरों के दर्शन करें। वृंदावन को दर्शन करने के लिए और देखने के लिए 1 दिन का समय पर्याप्त है।
यदि आपकी श्रद्धा है तो आप यहां पर जितने भी दिन व्यतीत कर सकते हैं। वृंदावन में आज हजारों की संख्या में ऐसे व्यक्ति हैं जो वृंदावन के नहीं है और बाहर से आकर श्री कृष्ण की नगरी में वास कर रहे हैं और प्रतिदिन श्री बांके बिहारी जी के दर्शन करते हैं और ब्रज भूमि को प्रणाम करते हैं।
उनके बच्चे देश विदेश में नौकरी करते हैं या कोई व्यवसाय करते हैं और वह यहां पर प्रभु दर्शन में अपना जीवन व्यतीत करते हैं।
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