मथुरा वृन्दावन को घूमने का सही तरीका
जब आप मथुरा वृन्दावन घूमने का टूर बनायें, तो आपको यह पता होना चहिये कि मथुरा वृन्दावन को सही तरह से कैसे घुमा जाये। आपको यह भी जानना जरुरी है कि कितने दिनों में मथुरा वृन्दावन को पूरी तरह से और ठीक तरह से घूमा जा सकता है।
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मथुरा वृन्दावन |
आइये इसको डे वाइज समझते हैं।
Day - 1 Mathura Gokul
जब आप मथुरा वृन्दावन आएं तो सबसे पहले आपको मथुरा घूमना चाहिए। मथुरा को एक दिन में कवर किया जा सकता है। मथुरा दर्शन में सबसे पहले आपको शुरुआत यमुना दर्शन करके करनी चाहिए।
सुबह सुबह मथुरा के विश्राम घाट पर पहुंचें। यमुना दर्शन के बाद पास ही स्थित प्रसिद्ध द्वारिकाधीश मंदिर जाएँ और दर्शन करें। मंदिर 6.30 से 10. 30 तक खुलता है। ये रहा आपका सुबह का कार्यक्रम।
दोपहर में मथुरा वृन्दावन के सभी मंदिर बंद रहते हैं। इसलिए दोपहर में या तो आराम करें या गोकुल चले जाएँ वहाँ 5-6 बजे तक रहें और इसके बाद मथुरा श्री कृष्ण जन्म स्थान पर आ जाएँ। यह शाम को 4 से 8 बजे तक खुलता है।
श्री कृष्ण जन्म स्थान पर 2-3 घंटे बिताएं। इतने में रात्रि के 9 बज जायेंगे। खाना पीना खाएं और अपने होटल या धर्मशाला में आराम करें। श्री कृष्ण जन्म स्थान पर भोजन आदि के लिए अनेक भोजनालय हैं।
Day - 2 Vrindavan
दूसरे दिन में आप वृन्दावन को कवर करें। वृन्दावन मथुरा से १२ कम की दूरी पर है। सुबह सुबह स्नान आदि से निवृत होकर सीधे श्री बांके बिहारी मंदिर पहुंचें। मथुरा वृन्दावन में सबसे ज्यादा श्रद्धालु यही आते हैं।
श्री बांके बिहारी मंदिर यह मंदिर 8 बजे से 12 बजे तक खुला रहता है। यंहा दर्शन करने के बाद वृंदावन में ही स्थित निधिवन पहुंचें। और यहां के रहस्य को समझें। रंग जी मंदिर के दर्शन करें। इतने में ही आपको १२ बज जायेंगे।
वृन्दावन में 12 से 4 बजे तक सभी मंदिर बंद रहते हैं। इस दौरान आप भोजन आदि करके आराम कर सकते है।इसलिए दोपहर में वृन्दावन में घूमने लायक कुछ नहीं होता। दोपहर में आप अपने होटल या धर्मशाला में आराम करें यही अच्छा है।
अब शाम को 3.30 बजे पुनः मंदिर दर्शन के लिए निकल सकते हैं। इस बार आपको छटीकरा से वृन्दावन मार्ग स्थित सभी मंदिरों को घूमना चाहिए। इसकी शुरुआत आप अक्षय पात्र से कर सकते हैं। इसके बाद प्रेम मंदिर और अंग्रेजों के मंदिर को दर्शन करना चाहिए।
इतने में ही आपको रात्रि का 8 -9 बज जायेगा। डिनर लेने के बाद होटल धर्मशाला में आराम करें।
Day -3 Govardhan, Barsana
तीसरे दिन की शुरुआत आप गोवर्धन पहुचकर कर सकते हैं। गोवर्धन मथुरा से 21 KM की दूरी पर है। गोवर्धन पंहुचकर सबसे पहले दानघाटी मंदिर पर गिर्राज जी के दर्शन करें। दूध पुष्प चढ़ाकर पूजा करें।
इसके बाद गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करें। यह परिक्रमा २१ किलोमीटर की है और पैदल ही करनी है। लोग पैदल ही 21 किमी की परिक्रमा करते हैं और कुछ तो लेटकर इस परिक्रमा को पूरा करते हैं।
लेकिन कुछ लोगों ने अपने शरीर को इतना कमजोर बना लिया है या खा खा के बहुत अधिक विशालकाय हो गए हैं। वे अपने शरीर को लेकर चलने में असमर्थ हैं, उनको ढ़ोने के लिए यंहा रिक्शा हैं। वे रिक्शा में उस विशालकाय शरीर को रखकर परिक्रमा कर सकते हैं। वैसे तो लाखों की संख्या में लोग यंहा पैदल ही परिक्रमा लगाते है।
दोपहर में गोवर्धन में रहकर 4 बजे बरसाना की ओर चले जाइये। गोवर्धन से बरसाना 15 किलोमीटर है। बरसाना पहुंचकर सबसे पहले राधा रानी के मंदिर पहुंचें। वहां दर्शन करें। पास ही बने कुशल बिहारी के मंदिर जाएँ। इसके बाद कृपालु महाराज द्वारा बनाये कीर्ति मंदिर में जाकर वंहा के मनोरम दृश्यों का आनंद उठाये।
बरसाना से छाता होकर वापस मथुरा आ जाएँ। मथुरा पहुंचने में आपको रात्रि के 10 बज जायेंगे।
आकर अपने होटल में विश्राम करें।
इस प्रकार आपने मथुरा वृन्दावन के लगभग सभी प्रमुख स्थानों को घूम लिया दर्शन कर लिया। इस टूर को अपनाकर आप मथुरा वृन्दावन को अच्छी तरह से घूम सकते हैं।
मथुरा वृन्दावन स्टे टूर & ट्रेवेल्स
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