राशन कार्ड एक सरकारी कागजात है, जिसकी मदद से उचित दर की दुकानों से चावल, गेंहू ,राशन आदि समान मार्किट रेट से कम दाम पर खरीद सकते हैं।
कोरोना काल में उत्तर प्रदेश सरकार ने राशन कार्ड धारकों को राशन मुफ्त में बांटा है जो अभी भी दिया जा रहा है। इसके अलावा कई जगहों पर राशन कार्ड का इस्तेमाल आईडी प्रूफ के तौर पर भी होता है। जैसे- एलपीजी कनेक्शन, ड्राइविंग लाइसेंस आदि में।
राशन कार्ड 3 प्रकार के होते हैं-
गरीबी रेखा के ऊपर (APL),
गरीबी रेखा के नीचे (BPL)
अन्त्योदय (Antyodaya) परिवारों के लिए
अंत्योदय कैटेगरी में बेहद ज्यादा गरीब लोग आते हैं। ये कैटेगरी व्यक्ति की सालाना आय के आधार पर तय की जाती है।
राशन कार्ड बनवाने के लिए व्यक्ति का भारत का नागरिक होना अनिवार्य शर्त है। जो व्यक्ति जिस प्रदेश से राशन कार्ड बनवाना चाहता है, उसके पास किसी अन्य राज्य का राशन कार्ड नहीं होना चाहिए।
राशन कार्ड बनवाने वाले कि आयु 18 साल से अधिक होनी चाहिए। जिन बच्चों की उम्र 18 साल से कम होती है, उन बच्चों के नाम माता-पिता के राशन कार्ड में शामिल किया जाता है।
राशन कार्ड के लिए आपको आवेदन करना होगा। जिसकी जांच आवेदन करने के 30 दिन के अंदर पूरी हो जाती है। सभी डिटेल वेरिफाई होने के बाद राशन कार्ड बन जाता है।
इसका प्रयोग बैंक खाता खोलने, सिम लेने, आई डी प्रूफ, पते का प्रमाण पत्र आदि कई जगह पर कर सकते हैं।
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