घर पहुँचते ही नीरु माँ के रुम मे भाग कर गई ,पास जाकर देखा ,तो माँ का चेहरा भावशून्य हो रहा था,,,,
नीरु डर गई,माँ माँ क्या हुआ,आपको ,नीरु माँ के बहुत नजदीक पहुँच गई,नीरु बेटा ,,,पापा को फोन लगाकर बुला ले,माँ कराहते हुऐ बोली,माँ आप ऐसा क्यू बोल रही है""""""
नीरु फफक पडी,अचानक से माँ की न थमने वाली खाँशी शुरु हो गई,""""""""
कितनी बार समझाया, माँ अपना ख्याल रखो,पर मेरी सुनता कौन है,,,,
नीरु आँसू पोछती हुई बोली,तभी माँ ने एक जोर की खाँशी के साथ,बहुत सारा खून उगल दिया,और निस्तेज हो,.वही पंलग पर निढाल हो गई,,,,,,
धीरे धीरे माँ का जिस्म ठंडा होने लगा,बस उनके मुहँ कुछ अस्पष्ट से शब्द सुनाई दे रहे थे""""
नीरु मेरा बहादुर बच्चा अपना और पापा का ख्याल रखना,,
माँ,आप ऐसा क्यू बोल रही हो,नीरु सिसक उठी""""""
अब माँ खमोश थी""""
माँ ,की हालात देख नीरु"बाहर गेट की ओर भागी ,वापस आयी तो उसके साथ पडोस की काकी थी""""
क्या हुआ बेटा"""""
पता नही काकी माँ ,को कुछ हो गया है""""""
रुम मे पैर रखते ही,काकी ठिठक गई,रुम मे खून बिखरा पडा था""""""""
वो पलंग के पास पहुँची,दमयंती अरे वो दमयंती आँखे खोलो,माँ की ओर से जबाब न पाकर ,,काकी भी घबरा गई,
वो माँ के पँलग के नजदीक खडी हो गई"""""
हाथ से गर्दन उठाई तो गर्दन एक ओर लुढक गई""""""
माँ के जिस्म मे कुछ हरकत न देख,काकी समझ गई"""
की दमयंती अब इस दुनिया से विदा ले चुकी है!
नीरु बेटा बाहर से सब को बुला लाओ,और काका को
बोलो की पापा को फोन कर सूचित करे"""""
जितनी जल्दी हो सके,घर पहुँचे""""""कृमशः
आगे जारी भाग -3-प्रिये पाठक✍️🏻🙏🏼
कृपया आपसब बताऐ की दूसरा भाग कैसा लगा
आपसे अनुरोध है,समीक्षा मे जरुर बताये"""""
आपकी अपनी लेखिका रीमा ठाकुर🙏🏼✍️🏻
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