ट्रायल के मिला छह महीने का वक्त
दूरसंचार विभाग ने कंपनियों को 5जी के ट्रायल के लिए छह महीने का वक्त दिया गया है। इसमें 5 जी उपकरण लगाने में दो महीने का समय भी शामिल है।
ट्रायल करने वाली कंपनियां
5जी के ट्रायल के लिए एयरटेल, रिलायंस जियो, वोडाफोन, आइडिया और एमटीएनएल ने आवेदन किया है। इसके अलावा इन कंपनियों ने 5जी उपकरण के लिए एरिक्सन, नोकिया, सैमसंग और सी-डॉट कंपनियों के साथ टाई-अप किया है।
स्वदेशी तकनीक का उपयोग करेगी जियो
देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो 5जी के ट्रायल के लिए स्वदेशी तकनीक का उपयोग करने जा रही है। अभी जियो देश में सबसे बड़ी 4जी नेटवर्क कंपनियों में से एक है और ग्राहकों की संख्या के मामले में पहले नंबर पर है।
स्पेक्ट्रम के इस्तेमाल की इजाजत
कंपनियों को 5जी ट्रायल के लिए मिड-बैंड (3.2 गीगाहर्ट्ज से 3.67 गीगाहर्ट्ज), मिलीमीटर वेब बैंड (24.25 गीगाहर्ट्ज से 28.5 गीगाहर्ट्ज) और सब-गीगाहर्ट्ज बैंड (700 गीगाहर्ट्ज) के स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल करना होगा। इसके साथ साथ कंपनियां 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज और 2500 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम का उपयोग करेगी।
सब जगह किया जाएगा ट्रायल
मंत्रालय ने कहा है कि हर दूरसंचार सेवाप्रदाता कंपनी 5जी के ट्रायल हर तरह के इलाके में करे। हर कंपनी को गांव, कस्बे और शहरों में 5जी टेक्नोलॉजी का ट्रायल करना होगा। ये सिर्फ शहरी क्षेत्रों तक ही सीमित नही रहेगा।
देसी तकनीकों को देनी होगी अहमियत
5जीआई टेक्नोलॉजी स्वदेशी तकनिकी है। इसलिए मंत्रालय ने ये भी कहा है कि कंपनियों को आईआईटी मद्रास, आईआईटी हैदराबाद और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के वायरलेस टेक्नोलॉजी द्वारा विकसित 5जीआई टेक्नोलॉजी का उपयोग करना होगा।