सारी दुनिया अभी कोविड-19 महामारी से ठीक तरह से उभर भी नहीं पाई है और उधर दूसरे संक्रामक महामारी ने दस्तक दे दी है जिसका नाम है ब्लैक फंगस। ये एक ऐसा खतरनाक इंफेक्शन है, जो अब तक बहुत कम लोगों को होता था। और लाखों में से किसी एक को यह संक्रमण होता था। लेकिन कुछ दिनों से कोरोना के मरीजों में यह इंफेक्शन बहुत तेजी से फैल रहा है।

यह इतना खतरनाक है कि इसके शिकार कई लोगों की जान चली गई है। कुछ ऐसे भी लोग है, जिनकी जान बचाने के लिए उनकी आंखें तक निकालनी पड़ी हैं।
क्या है ब्लैक फंगस?
ब्लैक फंगस, इंफेक्शन से जुड़ी बीमारी है जो फंगस से फैलती है। ये फंगस वातावरण में मौजूद होते है और खासकर ये मिट्टी में ज्यादा पाए जाते है। वैसे इनसे कोई ख़तरा नहीं होता, लेकिन अगर शरीर का इम्युनिटी सिस्टम कमजोर है, तो ये जानलेवा भी हो जाते हैं।
क्या है ब्लैक फंगस?
ब्लैक फंगस, इंफेक्शन से जुड़ी बीमारी है जो फंगस से फैलती है। ये फंगस वातावरण में मौजूद होते है और खासकर ये मिट्टी में ज्यादा पाए जाते है। वैसे इनसे कोई ख़तरा नहीं होता, लेकिन अगर शरीर का इम्युनिटी सिस्टम कमजोर है, तो ये जानलेवा भी हो जाते हैं।
शुगर के मरीज इस बीमारी से ज्यादा शिकार हो रहे हैं। इसमें आंख की नसों के पास फंगस जमा हो जाता है, जो सेंट्रल रेटिनल आर्टरी तक ब्लड फ्लो पहुंचाना बंद कर देता है, जिसके कारण आंखों की रोशनी चली जाती है।
कोरोना संक्रमित लोगों या कोरोना से स्वस्थ हुए कुछ लोगों में ये इंफेक्शन ज्यादा हो रहा है। यह इंफेक्शन उन लोगों में ज्यादा होता है, जिनका शरीर किसी बीमारी से लड़ने में कमजोर होता है।
शुरुआती दौर में यह कान, नाक, गले और मुंह को प्रभावित करता है।
कैसे प्रभावित करता है ब्लैक फंगस?
ब्लैक फंगस मुंह, आंख, नाक से होते हुए दिमाग तक पहुंचता है और हड्डी और त्वचा को नष्ट कर देता है।
किन लोगों को है सबसे अधिक खतरा?
• डायबिटिज के जिन लोगों को स्टेरॉयड दिया जा रहा है।
• कैंसर का इलाज करा रहे मरीज को।
• अधिक मात्रा में स्टेरॉयड लेने वाले मरीज को।
• ऐसे कोरोना संक्रमित जो ऑक्सीजन मॉस्क या वेंटिलेटर पर हैं।
• ऐसे लोग जिनमें इम्यून सिस्टम कमज़ोर है।
• जिनमे ऑर्गन का ट्रांसप्लांट हुआ हो।
• जिन लोगो का ब्लड शुगर ज्यादा रहता है।
ब्लैक फंगस के दिखने वाले लक्षण क्या हैं?
• नाक बंद होना।
• नाक से खून।
• काला-सा कुछ निकलना।
• गाल की हड्डियों में दर्द होना, एक तरफ चेहरे में दर्द, सूजन आना।
• दांत ढीले होना।
• आंखों में दर्द होना, धुंधला दिखना।
• आंखों के आस-पास सूजन आना।
• सिर दर्द होना।
अगर ब्लैक फंगस फेफड़े पर अटैक कर दे तो लक्षण कैसे होंगे...
• बुखार आना
• सांस लेने में दिक्कत होना
• कफ आना
• खंखार में खून आना
• सीने में दर्द होना
• धुंधला दिखाई पड़ना
कैसे फैलता है ब्लैक फंगस?
ब्लैक फंगस नाक या मुंह से शरीर में घुसता है। इसके बाद यह आंख में जाकर प्रभावित करता है और आखिरी में यह दिमाग पर अटैक कर देता है। अगर इन्फेक्शन कम है तो चार से छह हफ्ते में दवाइयों से ठीक हो जाता है ये और अगर इन्फेक्शन बहुत ज्यादा है तो दो तीन महीने तक इलाज चलता है।
ब्लैक फंगस का शिकार होने पर क्या करें?
- इलाज कराते रहें और उसका फॉलोअप लें।
- डायबिटीज की शिकायत हैं तो ब्लड शुगर को कंट्रोल करने का प्रयास करें और उसकी मॉनिटरिंग करते रहें।
- अगर और कोई बीमारी हैं तो दवा लेते रहे और डॉक्टर के संपर्क में रहें।
- स्टेरॉयड की दवा खुद से न लें।
ब्लैक फंगस के इलाज में रखें कैसी सावधानी?
• अगर किसी को डायबिटीज है तो ब्लैक फंगस के शुरुआती दौर में ही पता लगना बहुत जरूरी है, क्योंकि ज्यादा पावर के दवा से उनकी किडनी या अन्य अंगों का खराब होने का डर रहता है।
• जिन कोरोना संक्रमित लोगों को ब्लैक फंगस हो रहा है, उन्हें ट्रीटमेंट के समय स्टेरॉयड की डोज ध्यान से देना चाहिए।
• ब्लैक फंगस का इलाज तीन तरह से होता है। पहला, संक्रमण की वजह का पता लगाकर उसे दूर किया जाता है और शुगर लेवल व एसिडोसिस चेक रेगुलर करते रहते है। इसके बाद सर्जरी से डेड टिश्यू हटा दिया जाता है, ताकि फंगस ज्यादा न फैले। इसके बाद दवाइया देकर इंफेक्शन को ठीक किया जाता है।
ब्लैक फंगस के खतरे कैसे किया जाए कम?
• मौखिक स्वच्छता बनाए रखना- कोविड-19 के बाद स्टेरॉयड और अन्य दवा से बैक्टीरिया के बढ़ने का खतरा रहता है। इसलिए दिन में दो तीन बार ब्रश करना और अच्छी तरह से मुंह की सफाई करना जरूरी है।
• मुंह का गरारा करना- कोविड-19 से रिकवरी के बाद मुंह की साफ-सफाई जरूरी है। इसलिए दिन में दो तीन बार गरारा जरूर करें।
• टंग क्लीनर और टूथब्रश को डिसइंफेक्ट करें- कोविड-19 से ठीक हो जाने के बाद ब्रश उस जगह नहीं रखना चाहिए जहा दूसरे लोग रखते हैं। एंटीसेप्टिक माउथवॉश यूज करके टंग क्लीनर और ब्रश को साफ करते रहना चाहिए।
शुरुआती दौर में यह कान, नाक, गले और मुंह को प्रभावित करता है।
कैसे प्रभावित करता है ब्लैक फंगस?
ब्लैक फंगस मुंह, आंख, नाक से होते हुए दिमाग तक पहुंचता है और हड्डी और त्वचा को नष्ट कर देता है।
किन लोगों को है सबसे अधिक खतरा?
• डायबिटिज के जिन लोगों को स्टेरॉयड दिया जा रहा है।
• कैंसर का इलाज करा रहे मरीज को।
• अधिक मात्रा में स्टेरॉयड लेने वाले मरीज को।
• ऐसे कोरोना संक्रमित जो ऑक्सीजन मॉस्क या वेंटिलेटर पर हैं।
• ऐसे लोग जिनमें इम्यून सिस्टम कमज़ोर है।
• जिनमे ऑर्गन का ट्रांसप्लांट हुआ हो।
• जिन लोगो का ब्लड शुगर ज्यादा रहता है।
ब्लैक फंगस के दिखने वाले लक्षण क्या हैं?
• नाक बंद होना।
• नाक से खून।
• काला-सा कुछ निकलना।
• गाल की हड्डियों में दर्द होना, एक तरफ चेहरे में दर्द, सूजन आना।
• दांत ढीले होना।
• आंखों में दर्द होना, धुंधला दिखना।
• आंखों के आस-पास सूजन आना।
• सिर दर्द होना।
अगर ब्लैक फंगस फेफड़े पर अटैक कर दे तो लक्षण कैसे होंगे...
• बुखार आना
• सांस लेने में दिक्कत होना
• कफ आना
• खंखार में खून आना
• सीने में दर्द होना
• धुंधला दिखाई पड़ना
कैसे फैलता है ब्लैक फंगस?
ब्लैक फंगस नाक या मुंह से शरीर में घुसता है। इसके बाद यह आंख में जाकर प्रभावित करता है और आखिरी में यह दिमाग पर अटैक कर देता है। अगर इन्फेक्शन कम है तो चार से छह हफ्ते में दवाइयों से ठीक हो जाता है ये और अगर इन्फेक्शन बहुत ज्यादा है तो दो तीन महीने तक इलाज चलता है।
ब्लैक फंगस का शिकार होने पर क्या करें?
- इलाज कराते रहें और उसका फॉलोअप लें।
- डायबिटीज की शिकायत हैं तो ब्लड शुगर को कंट्रोल करने का प्रयास करें और उसकी मॉनिटरिंग करते रहें।
- अगर और कोई बीमारी हैं तो दवा लेते रहे और डॉक्टर के संपर्क में रहें।
- स्टेरॉयड की दवा खुद से न लें।
ब्लैक फंगस के इलाज में रखें कैसी सावधानी?
• अगर किसी को डायबिटीज है तो ब्लैक फंगस के शुरुआती दौर में ही पता लगना बहुत जरूरी है, क्योंकि ज्यादा पावर के दवा से उनकी किडनी या अन्य अंगों का खराब होने का डर रहता है।
• जिन कोरोना संक्रमित लोगों को ब्लैक फंगस हो रहा है, उन्हें ट्रीटमेंट के समय स्टेरॉयड की डोज ध्यान से देना चाहिए।
• ब्लैक फंगस का इलाज तीन तरह से होता है। पहला, संक्रमण की वजह का पता लगाकर उसे दूर किया जाता है और शुगर लेवल व एसिडोसिस चेक रेगुलर करते रहते है। इसके बाद सर्जरी से डेड टिश्यू हटा दिया जाता है, ताकि फंगस ज्यादा न फैले। इसके बाद दवाइया देकर इंफेक्शन को ठीक किया जाता है।
ब्लैक फंगस के खतरे कैसे किया जाए कम?
• मौखिक स्वच्छता बनाए रखना- कोविड-19 के बाद स्टेरॉयड और अन्य दवा से बैक्टीरिया के बढ़ने का खतरा रहता है। इसलिए दिन में दो तीन बार ब्रश करना और अच्छी तरह से मुंह की सफाई करना जरूरी है।
• मुंह का गरारा करना- कोविड-19 से रिकवरी के बाद मुंह की साफ-सफाई जरूरी है। इसलिए दिन में दो तीन बार गरारा जरूर करें।
• टंग क्लीनर और टूथब्रश को डिसइंफेक्ट करें- कोविड-19 से ठीक हो जाने के बाद ब्रश उस जगह नहीं रखना चाहिए जहा दूसरे लोग रखते हैं। एंटीसेप्टिक माउथवॉश यूज करके टंग क्लीनर और ब्रश को साफ करते रहना चाहिए।